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कब तक आरक्षण की आग में जलता रहेगा देश

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                  गुरप्रीत कौर आरक्षण की शुरूआत देश में सामाजिक, आर्थिक तथा राजनैतिक रूप से पिछड़ी जातियों को ऊपर उठाने के लिए की गई थी। आरक्षण जहां एक ओर कुछ लोगों के लिए वरदान है वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों के लिए अभिशाप बनता जा रहा है। इसके लागू रहते भारत का विकास होना असम्भव है। आरक्षण के विषय में कोई भी टिप्पणी करने से पूर्व ये जान लेना आवशयक है कि यह है क्या? पिछड़े वर्गों तथा अनुसूचित जाति के लोगों को शिक्षा तथा कौशल के क्षेत्र में सामान अधिकार दिलाने और जातिवाद को खत्म करने के लिए कोटे का प्रावधान किया गया था। जिसमें उन्हें स्कूल, कॅालेज की फीस और नौकरी में कुछ प्रतीशत की छूट देकर आगे आने का मौका दिया जाता था,जिसे हम आज आरक्षण के नाम से जानते हैं। आरक्षण लागू करने का मुख्य कारण यह माना जाता था कि इससे देश का विकास होगा। परंतु अब आरक्षण देने    प्रावधान देश के विकास में एक अरचन है।          इस समय एक सामान्य वर्ग के व्यक्ति तथा अनुसूचित जाति के व्यक्ति में कोई फर्क नहीं रह गया है। वह भी उतने ही सक्षम हैं जितने कि सामान्य जाति के लोग, तो वह आरक्षण की मंाग करके स्वंय को